एलोवेरा जूस ( फाइबर्स)

 हेलो एवरीवन इस आर्टिकल में मैं आप लोगों को बताने वाला हूं एलोवेरा जूस के बारे में जोकि बहुत ही फायदेमंद और हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। तो चलिए जानते है इनमें कौन कौन सा सम्मिलित सामग्री है। और इसके लाभ

1. एलोवेरा     Aloe vera 

2. आंवला       Amla 

3. तुलसी।      Tulsi

4. अदरक     Ginger

5. स्टीविया।      Stevia

          

                  

एलोवेरा

       एलोवेरा एक चमत्कारी पौधा है। पुराने समय से हमारे पूर्वज व बुजुर्ग इसे औषधि के रूप में प्रयोग करते आ रहे हैं। एलोवेरा की 300 प्रजातियां पाई जाती है। 285 प्रजातियां में 0% से 15% औषधियां गुण होते हैं। जबकि 11 प्रजातियां किसी काम भी नहीं आती हैं और 4 प्रजातियों में 90% से 100% ओषधीय गुण है। इनमें से एक प्रजाति जिनका नाम बारबेंडिस्स मिलर है, यह सबसे उत्तम मानी जाती है और उसमें 100 प्रतिशत ओषधीय गुण पाए जाते हैं। मिश्र की महारानी क्लियोपैट्रा एलोवेरा को अपने सौंदर्य प्रसाधन के रूप में इस्तेमाल करती थी। सिकंदर घायल सेना के इलाज के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल करता था। महात्मा गांधी प्रत्येक दिन भोजन के रूप में इसका इस्तेमाल करते थे।

प्राकृतिक और औषधीय गुण  :- एलोवेरा में 200 से अधिक ओषधीय तत्व होते हैं, जिनमें 20अनिवार्य खनिज ,अनिवार्य अनिमो एसिड, 75 पोषक तत्व, 200 एक्टिव एंजाइम, मिनरल्स जैसे कैल्सियम , जिंक,कॉपर ,पोटैशियम आयरन, सोडियम, मैग्नीशियम, कोरिमियम,मैंगनीज, 11से 14 सैकेंडरी एमिनो एसिड तथा विटामिन A, B1, B2, B6, B12, C and E हैं जो शरीर में स्वत: नहीं बनते और ना ही अधिकांश: ये शरीर में जमा रह सकते हैं, इस कारण यह आवश्यक है कि ये पोषण तत्व शरीर को निरन्तर मिलते रहें। एलोवेरा में सेपोनिन और लिग्निन नामक तत्व होते है। जो शरीर की अंदरूनी सफाई करते हैं और शरीर को रोगाणु रहित रखने का गुण रखते है।

शरीर में उपचार वहन कि क्षमता रखने वाले Anthraquinone, Enzyme, mono & polysacharides तथा  Mineral इत्यादि भी होते हैं। एलोवेरा संसार का सबसे बेहतरीन एंटीबायोटिक, एंटीसेप्टिक तथा सबसे प्रभावकारी इंट्रासेल्युलर एवम् एंटी- ओक्सीडेंट है। ज्यादातर बीमारियां का कारण हमारी आंतो का साफ ना होना है। एलोवेरा हमारी  इन आंतों में जमे हुए मल को साफ करके इनको शक्ति देता है। हमारा शरीर छोटे-2 cell से बना हुआ है। छोटे-2 cell से मिलकर टिश्यूज़ बनते है। इन tissues से ऑर्गन और ऑर्गन से सिस्टम और सिस्टम से मिलकर मानव देह बनती है। शरीर का सबसे छोटा हिस्सा cell है। एलोवेरा इन छोटे -2 हिस्सो को सक्रिय करता है और शरीर के इन छोटे -2 हिस्सो में जमा टॉक्सिंस को सफलतापूर्वक बाहर निकालता है। फलस्वरूप हमें कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। 

* एलोवेरा आंतरिक भागो में तेजी से असर करके दर्द का निवारण करने में सहायक है।

* इसके नियमित उपयोग से मेटाबॉलिक प्रक्रिया को बल मिलता है। फल स्वरुप शक्ति उत्पन्न होती है। इसमें विटामिन सी की उपस्थिति ब्लड सरकुलेशन एवं कार्डियो वैस्कुलर प्रणाली का बेहतर संचालन करता है तथा अनेक बीमारियों की रोकथाम करने में मदद करता है।

* एलोवेरा में मौजूद सेपोनिन आहार नलिका की गंदगी की सफाई करके आंतरिक सफाई करता है पेट में संचित अधिक हाइड्रोलिक आमला और पेप्सिन एंजाइम को या प्रभाव रहित करता है यह प्रमुखता गैस्ट्राइटिस, गैस्ट्रिक, अल्सर, कोलाइटिस, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, डायवर्सिटी कूकस आदि को दूर करने में लाभकारी है।

*एलोवेरा जूस एक अच्छा डिटॉक्सिफिकेशन करने वाला पेय पदार्थ है प्रदूषण, जंक फूड, अस्वास्थ्य लाइव स्टाइल और कुछ गंदगी आदतें जैसे स्मोकिंग एंड ड्रिंकिंग आदि से बॉडी में विषैले तत्व पैदा होते हैं एलोवेरा जूस के सेवन से विषैले तत्व शरीर से खत्म हो जाते हैं।

* एलोवेरा के सेवन से खून में सफेद तथा लाल रक्त कणिकाओं तथा प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ती है तथा मस्तिष्क में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है। उच्च रक्तचाप नियंत्रित हो जाता है विटामिन ए के कारण रक्त धनिया मजबूत हो जाती है। शरीर से नई कोशिकाओं के निर्मित होने से रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ जाती है। साथ ही कमजोर कोशिकाओं को ताकत मिलती हो।

* एलोवेरा खून से बुरे कोलेस्ट्रोल ( LDL) की मात्रा कम कर के अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाता है विटामिन ए बी और अच्छे एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण ह्रदय से शुद्ध रक्त शरीर में तेजी से घूमता है। कैलशियम मैग्निशियम तथा पोटेशियम इन सभी धातुओं के कारण हृदय के स्नायु बलवान होते है। जिन रोगियों के गुर्दे भी निष्क्रिय हो गए हैं हो, उनके लिए भी या आश्चर्यजनक रूप से गुणकारी है।

*एलोवेरा जी भर इन्फेक्शन तथा लीवर की सूजन को दूर करने में सहायक होता है यह  यकृत की प्रणाली में सुधार करता है और बहुत ज्यादा मात्रा में शराब पेट के भीतर जाने की दशा में बहुत अच्छे विनाशक का काम करता है।

* एलोवेरा का पल्प पेट के अल्सर को रोकना करने में सहायक है।


             


 *  एलोवेरा से सेबोरिया , हर्पिस,रेडस्पोट,  सोरायसिस,एक्जीमा, मैकोसिस और फीबर बिलस्टर के इलाज में यह बहुत असरदार औषधि है। एलोवेरा मॉइश्चराइजर का काम भी करता है।खुस्की दूर हो जाती है।छिलके यथासंभव उत्तर  कर उभर साफ हो जाएंगे। व्रन भरने शुरू हो जाएंगे।  उभार घटने लगेंगे, लाली कम हो जाएगी ।अगर दाद, एक्जीमा हो जाए तो एलोवेरा जेल बांध दें। संतोषजनक परिणाम होंगे।


एलोवेरा एलर्जी और कीटाणुओं के कारण उत्पन्न हुई  खुजली को दूर करने में तथा घाव भरने में बहुत कारगर है

*एलोवेरा एक वेदना सामक होने की वजह से घुटने की सूजन काम करके दर्द भी कम करता है।

* एलोवेरा को स्त्रियों की सहेली कहा जाता है महिलाओं के विभिन्न रोगों पर एलोवेरा जैसी अच्छी प्राकृतिक औषधि कोई दूसरी नहीं है। गर्भाशय के रोगों के लिए यह उपयुक्त औषधि है।

* Radiao Theraphy और chemotherapy हमारे शरीर के स्वस्थ्य सेल्फ को नष्ट करती हैं।( विशेष रुप से इम्यून सिस्टम सेल को), एलोवेरा के सेवन से इस दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है क्योंकि यह हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ करता है।

* एलोवेरा जूस एक प्रकार का एनर्जी ड्रिंक होता है जिसे हर दिन पीने से एनर्जी आती है। एलोवेरा जूस में कई पोषक तत्व और मिनरल्स होते हैजो बॉडी सिस्टम में सुधार करते हैं और उसे एनर्जी देते हैं।

एलोवेरा के कारण त्वचा मुलायम होती है मृत कोशिकाओं को इससे नष्ट किया जा सकता है। एलोवेरा की वजह से घाव अन्य औषधियों की तुलना में 60 से 70% जल्दी भर जाते हैं। पेट में होने वाली अल्सर जो कि एक प्रकार का घाव भी एक ही होता है को भी एलोवेरा ठीक करने में सहायक है।

* एलोवेरा सबोरिया, हरपिष, रेडस्पोट, सोरायसिस, इक्जीमा, मैकोसीस और फाइबर 





 



           

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